पिरामिड की ये बातें हैरान कर देगीं|10 Fascinating Facts about the Egyptian Pyramids|Pyramids of Giza

पिरामिड की ये बातें हैरान कर देगीं10 Fascinating Facts about the Egyptian PyramidsPyramids of Giza
पिरामिड की ये बातें हैरान कर देगीं10 Fascinating Facts about the Egyptian PyramidsPyramids of Giza

पिरामिड - पुरानी कहावत है कि आदमी वक्त से डरता है और वक्त पिरामिड से इस कहावत से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि पिरामिड का दुनिया भर में अपना एक अलग महत्व है जिसकी जड़ें समय के साथ और भी गहरी होती जाती हैं पिछले 4500 साल से मिस्र में खड़ा गीजा का पिरामिड आज भी लोगों के लिए अनसुलझी पहेली बना हुआ है जो बीते वक्त की मार झेल चुका है कहा जाता है कि बीच में मौजूद पिरामिड को 45 सदियां बीत चुके हैं लेकिन आज भी पर्यटकों के आकर्षण की सबसे बड़ी वजह है तो आइए जानते हैं पिरामिड से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्यों के बारे में 

पिरामिड के जोड़ों में नहीं घुस सकती ब्लेड अगर प्राचीन समय की सबसे अद्भुत संरचना की बात की जाए तो पिरामिड से बेहतरीन उदाहरण शायद ही कोई दूसरा होगा विशेषज्ञों के मुताबिक पिरामिड के भारी पत्थर के टुकड़ों को इतनी कुशलता से तराशा और फिट किया गया है कि उनके जोड़ों में एक ब्रेड भी नहीं साइड आ सकते हैं मिस्र के पिरामिड के निर्माण में कई गोलियां आधार भी पाए गए हैं जैसे कि गीजा के पास मौजूद तीनों पैरामेडियन राशि के 3 तारों की बिल्कुल सीधी दिशा में मौजूद है वैज्ञानिक कई साल से हिंदू कर रहे थे जाने की कोशिश कर रहे हैं 

लेकिन अभी तक इस काम में किसी को सफलता नहीं मिल पाई है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विश्व के लोगों को पृथ्वी अंतरिक्ष से जुड़ी बातों का ज्ञान था कंप्यूटर के आकार के पत्थर पिरामिड के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए गए पत्थरों का आकार बड़ा और छोटा था जितनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया गया इन्हीं में से ग्रेट गीजा पिरामिड पर मौजूद एक पत्थर का आकार कंप्यूटर से मिलता जुलता है जो उस वक्त के लोगों की तेज बुद्धि का परिचय देता है उस पत्थर के किनारों की लंबाई ऊंचाई और फूल को नापा जाए तो उससे पृथ्वी से संबंधित कई विभिन्न चीजों की सटीक गणना की जा सकती है 

ऐसे में माना जाता है कि पिरामिड का निर्माण करने वाले कारीगर इस बात से अच्छी तरह परिचित है कि पृथ्वी का कोड क्या है और आने वाले समय में कंप्यूटर जैसी चीज का निर्माण होगा बिना तकनीक के कैसे बनाए गए पिरामिड जैसा कि हमने कहा कि पिरामिड का इतिहास 45 सदियों पुराना है ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि उस समय में इतने अद्भुत पिरामिड का निर्माण कैसे किया गया होगा उस समय तो ना कोई आधुनिक तकनीकी और ना ही विशाल पत्थरों को उठाने के लिए मशीनें थी ऐसे में माना जाता है कि मिस्र के हर व्यक्ति ने पिरामिड को बनाने में अपना योगदान दिया था 

ज्यादा ताकतवर लोग पत्थरों को खींचने का काम करते थे वहीं कुछ लोग पिरामिड को बनाने का काम करते थे वहीं औरतों और बच्चों का समूह काम कर रहे सभी लोगों के लिए खाने और रहने का इंतजाम करते थे इस तरह कई सालों के परिश्रम के बाद पिरामिड का निर्माण कार्य पूरा हुआ इस दौरान कई मजदूरों की मौत हुई तो कई बीमार पड़ गए क्योंकि इतने विशाल पिरामिड क्यों खड़ा करना कोई मजाक नहीं था वह भी बिना किसी तकनीक का इस्तेमाल किए रॉबर्ट पर नहीं पड़ता बाहरी तापमान का असर यह पिरामिड से जुड़ी बहुत ही आश्चर्य बात है कि इसके अंदर का तापमान हमेशा ही स्थिर रहता है यानीबाहर कितनी ही गर्मी क्यों ना हो रही हो लेकिन पिरामिड का अंदरूनी तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के करीब रहता है 

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पिरामिड के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए गए पत्थरों को इस तरह काटा और लगाया गया है कि वह बाहरी तापमान को अंदर हावी नहीं होने देते हैं इस तकनीक का इस्तेमाल करके मित्र के कारीगरों ने दुनिया को यह बता दिया कि वह अपने समय से काफी तेज और आधुनिक थे अगर पिरामिड मे इस्तेमाल पत्थरों को 30 सेंटीमीटर मोटी टुकड़ों में काट दिया जाए तो उनसे फ्रांस जैसे बड़े देश के चारों तरफ 1 मीटर ऊंची दीवार खड़ी की जा सकती है 

भूकंप से सुरक्षित रखने की अद्भुत कटनी जहां एक तरफ पूरी दुनिया भूकम का सामना करती है वहीं मिस्र में आने वाला भूकंप इन ब्राह्मणों का कुछ नहीं बिगाड़ पाता जहां आज आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके भी बड़ी-बड़ी इमारतों को गिरने से नहीं रोका जा सकता वहीं इन विशाल ग्रामीणों को भूकंप के झटके से कोई फर्क नहीं पड़ता है दरअसल पिरामिड के चारों कोनों को काफी सुरक्षित ढंग से तैयार किया गया है जिसमें स्माल पत्थरों पर बॉल और चॉकलेट बनाए गए हैं इसलिए यह होता है कि उठना से होने वाला प्रसार या भूकंप के झटके पिरामिड को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं अगर इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो मिस्र के पिरामिड इतने सालों  तक अखाड़ा नहीं रह पाते

पिरामिड के आने के काम

अगर आपको लगता है कि मिस्र के लोगों ने अपने एक छवि चिन्ह को बनाने के लिए सालों तक मेहनत की थी तो यह बिल्कुल गलत है असल में ब्राह्मण के निर्माण के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण थे जो मिश्र वासियों के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े हुए थे प्राचीन मिस्र के लोग पिरामिड का इस्तेमाल वेधशाला के रूप में करते थे जहां सिरदर्द कान दर्द और बुखार का इलाज किया जाता था वहीं पर रावण को कैलेंडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था इससे सूरज की परिक्रमा पृथ्वी की गति और प्रकाश वैद्य की जानकारी भी प्राप्त की जाती थी 

और अंत में मिस्र के राजा को मृत्यु के बाद पिरामिड में मम्मी बना कर रख दिया जाता था पिरामिड से की जा सकती है भविष्य की कल्पना की को देख कर सिर्फ प्राचीन मिस्र की अनुभूति नहीं होती है बल्कि यह भविष्य से जुड़े कई सवालों के जवाब भी देता है प्राचीन समय में पिरामिड को गणित की जन्म कुंडली भी कहा जाता है जिससे भविष्य की गणना की जा सकती है दरअसल जब मिस्र के राजा को मृत्यु के बाद पिरामिड में मम्मी बनाकर दफनाया जाता था तो राजा की कब्र के पास उनकी जरूरत का सारा सामान और एक नाव कोठी दफनाया जाता था मिस्र के लोगों का मानना था कि मरने के बाद व्यक्ति के नए जीवन की यात्रा शुरू हो जाती है 

ऐसे में दफनाए गई ना उसे दूसरी दुनिया में जाने में मदद करेगी और बाकी चीजों को राजा अपने रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल करेंगे यही नहीं लोग पुनर्जन्म पर भी यकीन करते थे इसलिए वह ब्राह्मण को कैलेंडर और वेधशाला के रूप में इस्तेमाल करते थे मानव स्वास्थ्य पर कुछ लोगों का मानना है कि पिरामिड में जादुई शक्तियां होती हैं जो इंसान की सेहत पर अच्छा प्रभाव डालती है कई लोगों ने पिरामिड से जुड़े इस तथ्य को आजमा कर भी देखा है इस में दर्द होने पर कागज का पिरामिड बनाकर उसे टोपी की तरह पहनने पर दर्द गायब हो जाता है 

वही बुखार से पीड़ित हो या बोर्ड से बने कुछ देर बैठ सकता है ऐसा करने से उसे दर्द से राहत मिलती है और महसूस होता है यही कारण है कि मिस्र के लोग आज भी अपना स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए डॉक्टर के पास जाने के बजाय पिरामिड की तकनीक का इस्तेमाल करते हैं जिससे उन्हें कम समय में अच्छा महसूस होने लगता है 45 सदियों से सबसे बड़ी संरचना अगर गीज़ा के पिरामिड को दुनिया की सबसे ऊंची सरस ना कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा क्योंकि यह 45 सदियों से बीते वक्त की मार झेलने वाली सबसे पुरानी इमारत है जिसकी ऊंचाई 450 फीट के करीब है यह 43 सदियों तक दुनिया की सबसे ऊंची संस्थाओं के रूप में जाना जाता रहा है 

लेकिन 19वीं सदी में इसका सबसे ऊपरी हिस्सा किसी कारण से टूट गया था जिसकी वजह से गीज़ा के पिरामिड की लंबाई कम हो गई राम का आधार 13 एकड़ में फैला हुआ है जो तकरीबन 16 फुटबॉल मैदान और जितना पढ़ा है इस फिल्म के निर्माण में 2500000 सुना पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है जिनमें से हर एक चूना पत्थर का भजन 2 से 30 तक की दुनिया भर में पाए जाते हैं पिरामिड ऐसा नहीं है कि ब्राह्मण सिर्फ मिस में ही पाए जाते हैं अमेरिका से लेकर अंटार्टिका ग्वाटेमाला मैक्सिको और रात में पाए जाते हैं लेकिन हर देश में पाया जाने वाला एक दूसरे से अलग है और इनमें मिस्र के पिरामिड की सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं 

अमेरिका में शीशे से बना पिरामिड पाया जाता है तो वहीं अंटार्कटिका में एक पिरामिड समुद्र तट के पास और दो समुद्र में डूबे हुए पाए गए हैं इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक समय में दुनिया भर में पिरामिड का असर काफी ज्यादा था और हर देश इस संरचना का निर्माण करने के लिए उत्साहित था अब तो आप समझ ही गए होंगे कि दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संरचना क्यों माना जाता है फिर के रहस्यों को जानने की कोशिश हर वैज्ञानिक और व्यक्ति ने की है लेकिन कोई भी इसके सटीक जवाब तक नहीं पहुंच पाया आकाश से लेकर इतनी सदियों तक उसके खड़े रहने के पीछे कोई ना कोई शक्ति है जो महसूस होती है इस बारे में आपकी क्या राय है कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं आज के लिए बस इतना ही POST अच्छा लगा हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही हमारे Website को भी सब्सक्राइब करें जय हिंद दोस्तों 

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