प्रह्लाद जानी: माताजी ने 79 साल से नहीं लिया था 'अन्न-जल'?

प्रह्लाद जानी: माताजी ने 79 साल से नहीं लिया था 'अन्न-जल'?
प्रह्लाद जानी: माताजी ने 79 साल से नहीं लिया था 'अन्न-जल'?

प्रह्लाद जानी:  - भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है पूर्व विश्व में भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है यह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं की भूमि है अगर हम भारत के रहस्य की बात करें तो कई ऐसी बातें सामने आती हैं जो हमें दुविधा में डाल देती है हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर क्या सही है और क्या गलत है

 विज्ञान भले ही कितना भी आगे बढ़ गया हो लेकिन भारत में आज भी कई ऐसे रहते हैं जिनको सुलझा ने में विज्ञान और वैज्ञानिकों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं अगर किसी इंसान की बात करें तो एक इंसान बिना कुछ खाए कितने दिन तक जिंदा रह सकता है आपका जवाब यही होगा कि ज्यादा से ज्यादा एक या दो दिन लेकिन इस धरती पर एक ऐसे इंसान थे जो बिना खाए पिए 78 साल तक जिंदा है

 जी हां इसे दुनिया का आठवां अजूबा ही कहेंगे यह भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के रहस्यमई इंसान बने हुए थे गुजरात मेहसाणा जिले के तराना गांव में रह रहे 90 वर्षीय प्रहलाद जानी जिन्हें स्थानीय लोग चुनरी वाले माताजी के नाम से पुकारते हैं पिछले 78 साल से बिना कुछ खाए पिए रहने तथा दैनिक क्रियाओं को भी योग की शक्ति से रोग देने की वजह से चिकित्सा विज्ञान के लिए एक चुनौती बने हुए थे योगी प्रहलाद जानी के इर्द-गिर्द हमेशा वैज्ञानिकों की एक टीम लगी रहती थी जाने का दावा था कि उन्हें कभी भी भूख नहीं लगती थी और वो टॉयलेट भी नहीं जाते थे और इन्हीं विशेषताओं की वजह से देश की जानी-मानी संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिक आज भी हैरान है जानी बाबा का जन्म 13 अगस्त 1929 को गुजरात मेहसाणा जिले के चरणों में 7 साल की उम्र में घर छोड़ दिया उन्होंने माउंट आबू महाबलेश्वर दुर्गा माता का वरदान है

 मैं जब 12 साल का था तब देवी जैसी 3 कन्याओं ने मुझे दर्शन दिया और मेरी जीत पर उंगली रख कर कहा कि आज से तुम्हें भूख और प्यास नहीं लगेगी और तब से लेकर अंतिम सांस तक उन्हें न तो प्यास लगी और ना भी योगी बाबा से जुड़े कई किस्से कहानियां है जिसे आप माने या ना माने यह आपकी आस्था और विश्वास पर निर्भर करता है गुजरात के प्रल्हाद जानी देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए थे 

योगी प्रह्लाद का दावा था कि उन्होंने 78 सालों तक ना तो कुछ खाया था और ना ही पानी की एक बूंद भी थी लेकिन इसके बावजूद वह 90 साल की उम्र तक बिल्कुल स्वस्थ रहें डॉक्टरों का मानना है कि कोई भी व्यस्त व्यक्ति बिना खाना खाए 30 से 40 दिन तक जीवित रह सकता है लेकिन बिना पानी के 5 दिन से ज्यादा जिंदा रहना संभव ही नहीं है अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1981 में उत्तरी आयरलैंड में कैदियों ने भूख हड़ताल की थी जिसमें 10 कैदियों की मृत्यु हो गई थी उन कैदियों में सिर्फ एक व्यक्ति ही 73 दिन बिना खाए पिए जिंदा रह पाया था सन 2003 में गुजरात के निजी अस्पताल के पश्चात न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर उनकी दो बार बेहद जटिल जांच की थी इस दौरान उन्होंने पाया कि ना तो उन्होंने कुछ खाया और ना ही किया और ना ही मूत्र त्याग और सोच भी नहीं गए उनका कहना था कि कितने वर्षों में उनका शारीरिक ट्रांसफॉरमेशन हो चुका है इस जांच के दौरान जो रिपोर्ट सामने आई उसने सभी को चकित कर दिया उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 10 से 12 बीच बनी रही जो कि एक स्वस्थ व्यक्ति के बराबर थी 

22 अप्रैल से 6 मई 2010 तक प्रल्हाद जानी को फिर से डॉक्टर सुधीर शाह और इंडियन डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज जिसे शॉर्ट फॉर्म में डीआईपीएएस भी कहा जाता है यहां के प्रति शोधकर्ताओं की एक टीम के साथ साथ देश की जानी-मानी संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम ने सीसीटीवी कैमरा द्वारा 15 दिनों तक 24 घंटे उन पर नजर डॉक्टर्स पैनल भी हैरान था कि बिना खाए पिए कोई इंसान कितने वर्षों तक कैसे जीवित रह सकता है लेकिन देश के रक्षा और विकास अनुसंधान की माने तो बाबा जाने पर की गई रिसर्च में वह किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सके थे

पीने और उत्सर्जन की क्रिया से पूर्ण मुक्त रहने के दावे का बार-बार चिकित्सकीय और वैज्ञानिक परीक्षण किया जा चुका है उनका परीक्षण करने वाले प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर शाह के अनुसार उनका शारीरिक ट्रांसफॉरमेशन हो चुका है और जाने के ब्लैडर में मूत्र बनता तो है लेकिन कहां गायब हो जाता है इसका पता करने में विज्ञान भी अभी तक विफल ही रहा है

आज तक ही आश्चर्य बना हुआ है और कोई पता नहीं लगा पाया कि बिना कुछ खाए यह साधु जिंदा कैसे थे इतना ही नहीं योगी प्रह्लाद जाने का दावा था वह कई ऐसी असाध्य बीमारियों का इलाज कर सकते हैं जिसका डॉक्टर के पास भी लाज नहीं है उन्हें जानने वाले उनके इन दावों पर खरा उतरने की पुष्टि भूल करते हैं प्रल्हाद जानी ने जिन वैज्ञानिकों को हैरानी में डाला था उनमें देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम साहब भी शामिल थे वह प्रल्हाद जानी की अनूठी जीवन शैली का रहस्य जानने के लिए उत्सुक थे 90 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले जानी अंत तक देश और दुनिया के लिए पहेली बने रहे दोस्तों इस आर्टिकल को पढ़कर अगर आपको अच्छा लगा है तो इस आर्टिकल को अपने सोशल अकाउंट पर शेयर करें साथ में अपना परिवार में जो भी कोई इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है नहीं को भी शेयर करें 

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